कंखियों
अश्वत अश्वेत असद
अशोक
सिगरेट या सिग्रेट
क्योंकि या क्यूंकि व क्यूँकि
खंडर खंडहर
पहुंचा पहुंच पहुंचकर पहुंचे
हसी हंसी फंसा
अमन अमल अदम अमर असद
संभवतः संभवता
आखरी आखिरी
दर दरा डरा
“मैंने ऐसा चमत्कार पहली बार देखा है कि आप किसी दरवाजे से अंदर जाते हैं और जब उसी दरवाजे से बाहर निकलते हैं तो कहीं दूसरे स्थान पर पहुँच जाते हैं। उस डायरी में भी कुछ ऐसा ही लिखा था लेकिन मैंने कभी विश्वास नहीं किया।”
एक दिन, इस केस कि कार्यवाही के सिलसिले में उसे एक ऑटो वाला मिला, जिसने उसे बताया था कि आखरी बार उस ऑटो वाले ने ही उन बच्चों को कोटला हाउस छोड़ा था। लेकिन वे बच्चे कोटला हाउस क्यों जाना चाहते थे, इसका जवाब उस ऑटो वाले के पास भी नहीं था।
पहली बार उसे किसी ने अंगरक्षक के स्थान पर नौकर कहा था उसे नौकर शब्द से नफरत थी अगर दुबारा नौकर बोला तो मैं तेरा मुंह तोड़ दूंगा
पहले आप मेरे सवालों का जवाब दो, उसके बाद हम बताएंगे कि हम यहाँ क्यों आए।
किंवदंतियों
गेंडों गैंडों गेंदों
व्यंग्यात्मक
महंगी
हांलही
हूं हुँ हूँ हुं
छिनूंगा
ढूंढने
खराटे खर्राटे
परदे पर्दे
कोई ऐसी घटना याद करके बोला जो नैना के लिए संकटमय थी। वह नहीं चाहता था कि ऐसा फिर से हो इसलिए वह अब नैना कि सुरक्षा के लिए उसके साथ रहने कि ठान चुका था, लेकिन वह नहीं जानता था कि एक दिन वह स्वयं ही अपनी जान का दुश्मन बन जायेगा। अपने असहनीय दुःख को समाप्त करने के लिए उसने कई बार आत्महत्या का प्रयास किया लेकिन कभी सफल नहीं हुआ, पर वह जब भी नैना के साथ होता था तो अपने सारे दुखों को भूल जाता था।
लेकिन इस घर से बाहर जाने का रास्ता कभी नहीं मिलेगा क्योंकि इस घर से बाहर निकलने का कोई दरवाज़ा ही नहीं है।
झूमर की रोशनी उन दोनों की आंखों में इस तरह से चमक रही थी जैसे रात के किसी अंधेरे में जलते हुए दीपक की लौ जगमगाती है।
नैना भले ही सांवले रंग की थी लेकिन उसकी आँखें अत्यंत आकर्षक थीं।
हंसी
नेनो
अश्वत के बाहर जाते ही नैना अब अपने आप को रोक नहीं पाई और उसने एक ज़ोरदार आवाज़ के साथ फटाफट अपना पेट खाली कर दिया और चैन की साँस ली लेकिन उसके बाद उस कचरे के डिब्बे में छुपे चूहे को साँस लेना भारी पड़ गया।
“ नाक के सारे बाल जला दिए।
टकटकी लगाए अमन कि आँखों को ही देख रही थी, मानों उन्हें पढ़ने की कोशिश कर रही थी।
उसके इस व्यवहार का कारण कुछ भी हो लेकिन अमन को उसके इतने करीब आने से प्रसन्नता ही हो रही थी।
क्षण भर में उसने विचारों का ऐसा संसार बुन लिया जिसमें वह अर्पिता के लिए उस बच्ची तक को अपनाने के लिए त्यार हो चुका था।
यह उस घर का एक अद्भुत रहस्य था, वे सब लोग उस घर में जीवित थे जो बाहरी लोगों के लिए लापता हो चुके थे या मृत्यु को प्राप्त हो चुके थे।
“ मैं इस घर में उन सभी बच्चों से मिल चुका हूं देखा, जो नौ महीने पहले गायब हो गए थे। ” अमन ने मंद स्वर में कहा।
Comments
Post a Comment
Leave your feedback in comment section. If this story worth for a movie, Please support us.